Header Ads Widget

Responsive Advertisement

ममी का श्राप: (आखरी भाग )(Naya Inquilab Entertainment Corner )

                                                  अध्याय: अंतिम रहस्य – आत्मा का भार


 

रेगिस्तान की शांति और डायरी का भार

एडवर्ड और अब्दुल रेगिस्तान की गर्म हवाओं के बीच खड़े थे, उनके चेहरे पर थकावट, भय और शोक के मिले-जुले भाव थे। उनके हाथ में वह डायरी थी जिसमें उन रहस्यों की परतें बंद थीं जो पिरामिड के भीतर उनके दोस्त पॉल को किसी और ही सत्ता का हिस्सा बना चुकी थीं। जैसे ही उन्होंने ऊँचाई से नीचे फैले रेतीले विस्तार की ओर देखा, उन्हें ऐसा प्रतीत हुआ मानो स्वयं इतिहास उन्हें घूर रहा हो।

एडवर्ड के मन में एक ही प्रश्न घूम रहा था — क्या पॉल को वापस लाया जा सकता है? क्या वह अभी भी जीवित है? या केवल उसका शरीर बचा है और आत्मा किसी प्राचीन अभिशाप की गिरफ्त में है?

अब्दुल की गहरी आवाज़ ने उसकी तंद्रा तोड़ी, “हमें अभी काहिरा लौटना चाहिए, इस डायरी को किसी विशेषज्ञ को दिखाए बिना हम कुछ नहीं समझ पाएँगे।”

एडवर्ड ने सहमति में सिर हिलाया, लेकिन भीतर ही भीतर वह जानता था — यह डायरी केवल इतिहास नहीं, एक दरवाज़ा थी… एक ऐसी दुनिया की ओर जो अब उनके जीवन का हिस्सा बन चुकी थी।


 

काहिरा की वापसी और पुरातत्त्व विभाग

चार दिन बाद वे दोनों काहिरा में थे, जहाँ उन्होंने मिस्र के सबसे प्रमुख पुरातत्त्व विभाग से संपर्क किया। प्रोफेसर मारीना ग़ालिब — एक अनुभवी और विश्वविख्यात मिस्री इतिहासकार — को जब यह डायरी दिखाई गई, तो उनकी आँखें चौंधिया उठीं।

“यह तो एक जीवित दस्तावेज़ है,” उन्होंने कहा, “यह डायरी किसी सेवक की नहीं, स्वयं रानी अनक-सेरा की आत्मा से जुड़ी हुई प्रतीत होती है।”

उन्होंने डायरी के कुछ पृष्ठों को पढ़ा, और जैसे-जैसे वे पढ़ती गईं, उनके चेहरे की रंगत बदलती गई।

“इसमें लिखा है कि एक समय आएगा जब मेरी आत्मा किसी और के माध्यम से पुनर्जागृत होगी, और तब पुराना संतुलन पुनः स्थापित होगा... पॉल अब केवल उसका माध्यम नहीं, उसका वारिस बन चुका है।”

“तो क्या उसका कोई उपाय है?” अब्दुल ने पूछा।

मारीना ने लंबी साँस लेते हुए कहा, “एक ही तरीका है… रानी की आत्मा को फिर से सोने के लिए मजबूर करना… उसके शरीर को वापस उसी ऊर्जा केंद्र पर ले जाना जहाँ वह हज़ारों वर्षों से बंद थी… परंतु यह आसान नहीं होगा। पॉल अब उसकी रक्षा कर रहा होगा।”


 

पुनरागमन – मृत्यु की घाटी में वापसी

तीन दिन बाद, एडवर्ड, अब्दुल, मारीना और चार मिस्र विशेषज्ञों की टीम पिरामिड के उसी द्वार के सामने खड़ी थी जो अब एक बार फिर खोला जा रहा था। इस बार उनके पास प्रकाश, हथियार और उपकरण थे, पर भीतर जो भय प्रतीक्षा कर रहा था, उसकी कोई तैयारी नहीं थी।

जैसे ही वे भीतर पहुँचे, हवा फिर बदलने लगी — वही गंध, वही कंपन… और वही आवाज़।

“तुम लौट आए…” वह स्वर गूंजा — पर अब यह पॉल का नहीं, अनक-सेरा की आत्मा का था।

पॉल अब वहाँ था — पर उसके शरीर पर सुनहरे शिलालेख थे, आँखों में नीली लौ और उसके पीछे वह शाश्वत ममी — अब जागृत अवस्था में।

मारीना ने चिल्लाकर कहा, “हमें रुकना होगा, हम युद्ध नहीं चाहते — हम मुक्ति चाहते हैं!”

पर आत्मा हँसी, “मुक्ति केवल मृत्यु से मिलती है… और तुम्हारी अभी बाकी है…”


 

अंतिम संघर्ष – आत्मा और विवेक की टक्कर

एक भयानक युद्ध शुरू हो गया — ऊर्जा की लपटें, पत्थरों का टूटना, और उन रहस्यमयी बीजों का फैलना जिनका ज़िक्र डायरी में था। अब्दुल और मारीना ने एक मंत्र पढ़ा जो डायरी के अंत में लिखा था — वह मंत्र आत्मा को बांधने वाला था।

एडवर्ड आगे बढ़ा, पॉल की आँखों में देखा, और कहा — “अगर तू अब भी कहीं भीतर है, तो यह आखिरी मौका है पॉल… मुझे पता है तू लड़ सकता है!”

पॉल की आँखें काँपीं — एक पल के लिए उसमें मानवता की झलक दिखी… और उसने अपनी हथेलियाँ जोड़ीं, वहीं चिन्ह फिर जल उठे।

“मैं… पॉल हूँ…” वह बुदबुदाया।

मारीना ने मंत्र दोहराया, और पॉल ने स्वयं को उस ऊर्जा केंद्र की ओर धकेला — “रानी… अब तेरा समय पूरा हुआ…”

तेज़ प्रकाश, गूंज, और फिर…

शांति।


 

आखिरी सवेरा – रेत की चुप्पी

एडवर्ड जब जागा, वह पिरामिड के बाहर था। अब्दुल और मारीना उसके पास बैठे थे।

“क्या हुआ?” उसने पूछा।

मारीना ने मुस्कराते हुए कहा, “उसने अंत में तुम्हारी बात सुनी… पॉल ने स्वयं को बलिदान कर रानी की आत्मा को बाँध दिया… वह अब मुक्त है… और अनक-सेरा भी।”

“और बीज?” एडवर्ड ने पूछा।

“राख हो गए,” अब्दुल बोला ।


Mohib 

कहानी का अंत – एक नई शुरुआत

कुछ महीने बाद, एडवर्ड ने पॉल की याद में एक पुस्तक प्रकाशित की — “The Curse and the Soul”

डायरी को मिस्र के राष्ट्रीय संग्रहालय में सुरक्षित रखा गया, और वह पिरामिड हमेशा के लिए बंद कर दिया गया — उस पर एक पट्टिका लगाई गई:

“यहाँ वो सोई है, जिसने युगों से स्वयं को देखा… और जिसने एक इंसान के प्रेम में स्वयं को त्याग दिया।”

एडवर्ड हर साल पॉल की कब्र पर फूल चढ़ाने आता है।

और जब हवाएँ चलती हैं… तो कभी-कभी उसे लगता है… कोई अब भी उसे देख रहा है… पर अब वह भय नहीं, एक मित्र की मुस्कान होती है…

Post a Comment

0 Comments

मुंबई एयरपोर्ट से जोगेश्वरी तक कार के बोनट पर घसीटा गया युवक, आरोपी कैब ड्राइवर पर FIR दर्ज.