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हरियाणा का छात्र जासूसी के आरोप में गिरफ्तार, पाकिस्तान को महत्वपूर्ण जानकारी साझा करने का आरोप

 

चंडीगढ़:हरियाणा
में इस सप्ताह का यह दूसरा मामला है जब किसी व्यक्ति को पाकिस्तान को संवेदनशील जानकारी भेजने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है, जबकि भारत-पाकिस्तान सीमा पर फिलहाल शांति बनी हुई है।

पटियाला के खालसा कॉलेज में राजनीति विज्ञान का छात्र देवेंद्र सिंह ढिल्लों, जिसकी उम्र 25 वर्ष है, को 12 मई को हरियाणा के कैथल से गिरफ्तार किया गया। उस पर अपने फेसबुक अकाउंट पर पिस्तौल और बंदूकों की तस्वीरें अपलोड करने का आरोप है।

पूछताछ में यह सामने आया कि वह पिछले साल नवंबर में करतारपुर कॉरिडोर के ज़रिए पाकिस्तान गया था और वहां उसने पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी इंटर सर्विसेज़ इंटेलिजेंस (ISI) के अधिकारियों के साथ संवेदनशील जानकारी साझा की थी।

आरोप है कि पड़ोसी देश की खुफिया एजेंसी के अधिकारियों ने देवेंद्र को लुभाने और शामिल करने के लिए बड़ी मात्रा में पैसा खर्च किया
कैथल की पुलिस अधीक्षक आस्था मोदी के अनुसार, मास्टर्स के पहले वर्ष का यह छात्र पटियाला के सैन्य छावनी (मिलिट्री कैंटोनमेंट) की तस्वीरें भी पाकिस्तानी अधिकारियों को भेज चुका है।

उसका मोबाइल फोन जब्त कर फॉरेंसिक जांच के लिए भेज दिया गया है और उसके बैंक खाते की भी जांच की जा रही है, ताकि यह पता चल सके कि उसके और पाकिस्तानी अधिकारियों के बीच पैसे का लेन-देन कैसे हुआ।

ढिल्लों की गिरफ्तारी कुछ ही दिन बाद हुई जब 24 वर्षीय नौमान इलाही को पानीपत से इसी तरह के आरोपों में गिरफ्तार किया गया। उत्तर प्रदेश निवासी इलाही हरियाणा में सुरक्षा गार्ड के रूप में कार्यरत था। वह पाकिस्तान को जानकारी देने के बदले पैसे प्राप्त करता था, जो उसके जीजा और कंपनी के ड्राइवर के बैंक खातों में भेजे जाते थे।

इसके अतिरिक्त, पंजाब पुलिस ने भी पिछले सप्ताह दो लोगों को गिरफ्तार किया, जिनमें एक महिला भी शामिल है। इन पर आरोप है कि वे दिल्ली में पाकिस्तानी उच्चायोग में तैनात एक अधिकारी के साथ जासूसी गतिविधियों में संलिप्त थे।

सीमा पार जासूसी के खिलाफ यह कार्रवाई ऐसे समय में हो रही है जब 10 मई से भारत-पाकिस्तान सीमा पर शांति बनी हुई है।
यह शांति 7 मई को भारत द्वारा शुरू किए गए 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद हुई, जिसके तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में 9 आतंकी ठिकानों पर सैन्य हमले किए गए थे।

इन कार्रवाइयों के बाद दोनों देशों के बीच सीज़फायर समझौता हुआ। इससे पहले 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 नागरिकों की मौत हुई थी, जिसके बाद से ही तनाव लगातार बढ़ रहा था और अंततः यह सीमा पर सैन्य संघर्ष तक पहुँच गया।


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