नशीली दवाओं के व्यापार पर कड़ी कार्रवाई करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण विधायी कदम उठाते हुए, महाराष्ट्र विधान परिषद ने सोमवार को सर्वसम्मति से महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) में संशोधन करने वाला विधेयक पारित कर दिया है, जिसमें अब ड्रग तस्करी और मादक पदार्थों से संबंधित अपराधों को "संगठित अपराध" की श्रेणी में शामिल किया गया है।
इससे पहले, यह विधेयक 9 जुलाई को महाराष्ट्र विधानसभा द्वारा पारित किया जा चुका था। अब यह कानून तब बनेगा जब राज्यपाल की स्वीकृति मिल जाएगी।
संशोधित विधेयक के तहत “संगठित अपराध” की परिभाषा को व्यापक बनाते हुए इसमें नशीले पदार्थों का उत्पादन, कब्जा, बिक्री और परिवहन शामिल कर दिया गया है। इसका उद्देश्य यह है कि ड्रग अपराधियों को जमानत मिलना कठिन हो जाए और कानून प्रवर्तन एजेंसियों को इस बढ़ते खतरे के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के अधिक अधिकार मिलें।
राज्य के शहरी गृह राज्य मंत्री योगेश कदम ने परिषद में कहा, “मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने 2 जुलाई को घोषणा की थी कि जल्द ही ड्रग तस्करों पर मकोका के तहत मामला दर्ज किया जाएगा। हमने वह वादा अब पूरा कर दिया है।”
अब तक ड्रग संबंधी मामलों में NDPS एक्ट, 1985 के तहत कार्रवाई की जाती थी। लेकिन इस संशोधन के बाद राज्य सरकार का उद्देश्य बड़े पैमाने पर होने वाली ड्रग तस्करी को एक प्रकार के संगठित अपराध के रूप में चिन्हित करना है।
यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब पूरे महाराष्ट्र, खासकर शहरी और अर्ध-शहरी इलाकों में नशीली दवाओं की तस्करी में वृद्धि को लेकर चिंताएं तेजी से बढ़ रही हैं।
यह संशोधन न केवल पुलिस बल को अधिक शक्ति देगा, बल्कि मादक पदार्थों से जुड़े संगठनों की जड़ों तक पहुंचने में मदद करेगा और राज्य को नशामुक्त बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
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